इसीलिए मुंह ढक कर आए शहर पर गर्व करने वाले। इसीलिए मुंह ढक कर आए शहर पर गर्व करने वाले।
ए वक्त आ के बता ना मुझे तुम्हे रोकने का तरीका ताकि मैं भी थोड़ा आराम कर सकूँ...! ए वक्त आ के बता ना मुझे तुम्हे रोकने का तरीका ताकि मैं भी थोड़ा आराम कर सकूँ....
घरों में फिर हो रहे हैं रिश्ते गुलज़ार इन दिनों! घरों में फिर हो रहे हैं रिश्ते गुलज़ार इन दिनों!
कौन जानता था कि वक्त के तेवर यूँ भी पलटते हैं! कौन जानता था कि वक्त के तेवर यूँ भी पलटते हैं!
हम क्यों है फंसे वो अफवाहों से हैं घरों में हम भिखारी से हैं दरों में। हम क्यों है फंसे वो अफवाहों से हैं घरों में हम भिखारी से हैं...
ओ प्यारे भईया! तुम्हें पता है ना अपनी रक्षा कर हमें है देश बचाना! ओ प्यारे भईया! तुम्हें पता है ना अपनी रक्षा कर हमें है देश बचाना!